Friday, July 29, 2011

माँ

आज भी जब मुझे नींद आती नहीं
गिन के तारे कटती हैं रातें मेरी,
दर्द मेरा जब कोई समझता नहीं 
याद आती है मां बस तेरी-बस तेरी।

आज मुझे भूख लगी, नहीं मिला खाना जो तो
मुझको जमाना वो पुराना याद आ गया।
बाबू, अम्मा और चाचा-चाची की भी याद आई,
पापा वाला गोदी ले खिलाना याद आ गया।

छोटे-छोटे पांवों पर दौड़कर भागा मैं तो
मम्मी वाला पीछे-पीछे आना याद आ गया।
यहाँ-वहाँ दौड़ते जो भुंइयां पे गिरा मैं तो
गिरकर रोना और चिल्लाना याद आ गया।
लाड लो लगाई, लचकाई लो उठाई गोद,
माई मन मोद का मनाना याद आ गया।
गोदी में उठाके फिर छाती से लगा के मुझे,
आंसुओं का मरहम लगाना याद आ गया। 

मेरी कविता

कविता मे सब सच है
सत्य मे कविता शामिल भले न हो पर
कविता मे सब सत्य है

हर शब्द अक्षरश: सच है
कविता मे तुम हो
मै हू
और ये दुनिया भी है
कविता मे कुछ भी छुटा नही है 
जब मुझे
तुम्हारा प्यार
आकाश की स्लेट पर
इन्द्रधनुष की तरह लिख देगा

तब सावन की रिमझिम मे
भींगी हुवी हवा की उंगलिया
किसका नाम लिखू
इन रेखाओं पर ..पुछेगी
तब भी मेरे ओंठ चुप रहेंगे 

Tuesday, July 26, 2011

papa ka pyar

मुझे अछि तरह याद है बचपन के वो
 दिन.
 एक बार हमारे स्कूल से डेल्ही जाने का आयोजन किया गया. पापा ने माना
 कर दिया. उस दिन मैं और मेरी बहन बहुत रोये.  अगले...........

दिन स्कूल गए . स्कूल के नोतिसे बोर्ड में डेल्ही जाने वालों का लिस्ट नोतिसे बोर्ड में डाला गया था
उस में हम दोनों का नाम था. आशार्य हुआ हम. घर आये थो माँ बोली पापा ने थो पहेलेसे ही पैसे स्कूल को दे दिए थे डेल्ही के प्रोग्राम के लिए.

दुनिया में सभी माता पिता अपने बच्चों
 से जान से भी जादा प्यार करतें है.



Monday, July 25, 2011

ye jo hai zindagi

हर मनुष्य को अपनी ज़िन्दगी अपने पसंद से ही जीने का अधिकार है. पर सादा
 जीवन उच्च विचार वाले व्यक्ति ही हमेशा ज़िन्दगी में सफल होते हैं.

बचपन में मेरे एक अद्यापक हमेशा सादा जीवन उच्च विचार की पाट पढाया करते थे.
तीस साल के बाद मुझे उन से मिलने का सोव्भाग्य प्राप्त हुआ . मैं अपने स्कूल में गया था. आज भी वह सभी छात्रों को यही सिक्चा देतें हैं. इसे अध्यापक बहुत ही कम मिलतें हैं. अपनी ज़िन्दगी भी वो
खुद वैसे ही bithathe हैं.











Sunday, July 24, 2011

bachpan ke din

BACHPAN KE DIN BULA NA DENA,

Meri yaden hamesha pal pal usi dino ko hi yaad karti hain. Kya the who din. Papa ki choti choti dante, Ma ka pyar, Bahano ke sath choti choti ladayiyan, aur aur doston ke sath  kilwad.