मुझे अछि तरह याद है बचपन के वो
दिन.
एक बार हमारे स्कूल से डेल्ही जाने का आयोजन किया गया. पापा ने माना
कर दिया. उस दिन मैं और मेरी बहन बहुत रोये. अगले...........
दिन स्कूल गए . स्कूल के नोतिसे बोर्ड में डेल्ही जाने वालों का लिस्ट नोतिसे बोर्ड में डाला गया था
उस में हम दोनों का नाम था. आशार्य हुआ हम. घर आये थो माँ बोली पापा ने थो पहेलेसे ही पैसे स्कूल को दे दिए थे डेल्ही के प्रोग्राम के लिए.
दुनिया में सभी माता पिता अपने बच्चों
से जान से भी जादा प्यार करतें है.
vah to matha pitha se bad ke aur keya hai
ReplyDeletekuch galathiya hai sudariye
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