Friday, August 5, 2011

बारिश

आज मौसम जरा सर्द है
दिल में उठा क्यूँ ये दर्द है
पहली बारिश की वो यादें
लेके ये आता है
तन मन को फिर मेरे
भीगो जाता है
आज भी भीग लूँ मैं
तेरी बाहों में इस तरह
मिल जाए मेरी रूह
तेरी रूह के साथ
जैसे माटी मिले
जल के साथ
वही पहली खुशबु
आज ये मौसम लाया है
दिल में तेरे प्यार का
मौसम आया है

लिकं हैhttp://bachpan ke din-vishy.blogspot.com/
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4 comments:

  1. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो
    चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  2. bahut acchi rachna hai..bachpan ki yaad dilati hui..apne blog per maantran ke sath

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  3. waah... padhte-padhte mitti ki soundhi khushboo yaad aa gai...
    bahut sundar...

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