Sunday, September 4, 2011

हालात,

अब तो ऐसे हैं हालात,

कि शब्द नही मिलते,
कुछ इस तरहउलझन मे है ख़यालात,
कि शब्द नही मिलते,
इस नरम से दिल मे हज़ारों हैं तूफान,
पर कैसे कहूँ होंठों पर है जो बात,
मुझे शब्द नही मिलते,


दुनिया से छिपकर तो बहते है आँसू,
पर कैसे बयां करूँ अपने जस्बात,
मुझे शब्द नही मिलते,

इन अंधेरो मे इस तरह गुम हूँ,
कि किसको दूँ , कैसे दूँ आवाज़,

मुझे शब्द नही मिलते,
अब तो इस कदर मुश्किल मे हैं हालात,
कि मुझे शब्द नही मिलते……
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2 comments:

  1. शब्द तो आपको मिल गए और बहुत ही खूबसूरत मिले हैं!
    अच्छा प्रयास

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